कोई रिश्ता हो कुछ भी हो


    कोई रिश्ता हो कुछ भी हो हमेशा याद रखना है

    जिसे अपना बनाना है उसे आज़ाद रखना है

 

    मुहब्बत में वफ़ा और बेवफाई कुछ नहीं होती

    तेरा हिस्सा है जितना बस वही आबाद रखना है

 

    क़यामत तक का वादा, कम ज़ियादा और तकाजा क्या

    तू मुझको याद है उतना कि जितना याद रखना है

 

    अभी बस तुम हो मैं हूँ इश्क से लबरेज़ दो दिल हैं

    हमारे बाद जो होगा हमारे बाद रखना है

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