एक लड़की जब कार
चलाती है,
सरपट भागते पहियों
के साथ घूमती हैं सभ्यताएं
सड़क के दोनों ओर
जमा हो रहे बारिश के पानी से
धुल जाता है
संस्कृति का थोड़ा सा कीचड़
एक लड़की जब कार
चलाती है, तो
उसकी हवा से कुछ
घूँघट उड़ते हैं,
कुछ पगड़ियाँ उछलती
हैं,
मूंछों का नुकीलापन
थोड़ा तरल होता है,
मेड़ों की तरह माथे पर उग आई सिलवटें,
थोड़ी सपाट हो जाती हैं
एक लड़की जब कार
चलाती है तो,
चहकते हैं दुधमुँहे
सपने.
अंगड़ाई लेते नन्हे
हौसले
खुरदुरी सड़क पर
गुजर गए उस निशान और धुएं की गंध का
दूर तक पीछा करते
हैं
कार की सीटी से
टूटती हैं तंद्राएं, और
पुरखे थोड़ा सा
रास्ता दे देते हैं
आने वाली पीढ़ियों
को आगाह करते हुए
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