प्रमेय (उपन्यास) : अध्यात्म सृजन है , विज्ञान शोध है और धर्म नियम है। लेखक : भगवंत अनमोल कहा जाता है ब्रह्मसत्यम जगतमिथ्या। साथ ही यह भी कहा जाता है कि संसार माया है। विज्ञान की भाषा में कहें तो यह मैट्रिक्स है। संसार के लिए सपना , तिलिस्म , जादू , ईश्वर की छाया , कल्पना , फिक्सन , फैंटेसी , एक क्षणिक बुलबुला , एक बड़ा गर्भ इत्यादि शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं। ये सारी कल्पनाएं , अवधारणाएँ सही भी हैं और ग़लत भी। यह तो विरोधाभास है और आखिर दो विरोधी चीज़ें एक साथ सही और ग़लत कैसे हो सकती हैं ? ऐसा इसलिए होता है कि हमारा मन जो भी सोचता …
हास्य-विनोद की कहानियाँ : रस्किन बॉन्ड लेखन में हास्य और विनोद की एक समृद्ध परंपरा रही है। लेखक और अभिनेता मानव कौल का एक साक्षात्कार देख रहा था। प्रश्नकर्ता ने पूछा कि आपके लेखन में दार्शनिक गंभीरता है लेकिन आपकी बातों में एक सहज हास्यबोध , एक ह्यूमर है। ऐसा क्यों ? जवाब मिला कि शृष्टि का मूल स्वरूप ही बेहद हास्यास्पद है। आप कितना भी गंभीर हो लीजिये , अंततः आप पाएंगे कि आप तीव्र गतिशील ब्रह्मांड में किसी जगह लटके या झूले हुये हैं। एक जगह पहुँच कर किसी बात का कोई मतलब नहीं रह जाता। सबकुछ असंगत और हास्यास्पद है। मानव कौल से इतर किसी को …
'सुपरस्टार की मौत' रामकुमार सिंह की यह किताब उपन्यास भी है , प्रतीक भी है , सलाह भी है और ज़रा कड़े ढंग से लीजिये तो चेतावनी भी। ‘ सुपरस्टार ’ कहते ही हमारे जेहन में जो छवि उभरती है वह लाल और नीली रोशनियों से लिपटे सुनहले पर्दे पर एक ‘ वन मैन आर्मी ’ की आकृति है जो मनोरंजक तरीके से सबकुछ ठीक कर देता है। पापियों को सज़ा देता है , डूबकर प्रेम करता है , चिंघाड़कर रोता है , बेहद सुरीले अंदाज़ में गाता है , मोहक नृत्य करता है , गोलियों या चापड़ से घायल होकर भी सौ-पचास लोगों को धूल चटा देता है। उसका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है। दो …
एक बड़े शहर में एक मशहूर लेखक ने वर्कशॉप आयोजित की। अपनी विश्वसनीयता के मुताबिक महँगी फीस के साथ। जब सभागार लोगों से लबालब भर गया , लेखक ने सबसे एक बड़ा ही सामान्य प्रश्न पूछा- “आप में से कौन कौन एक बढ़िया लेखक बनना चाहता है ?” सभी ने बेझिझक हाथ उठाया। सभी को बढ़िया लेखक जो बनना था। लेखक ने कहा- “तो फिर आप सब यहाँ क्या कर रहे हैं ? जाइए और लिखिए।" रस्किन बॉन्ड की किताब ‘ लेखक कैसे बनें ’ कुल मिलाकर यही संदेश देती है। चूंकि किताब किशोर वय को ध्यान में रखकर लिखी गयी है , इसलिए इस एक संदेश को छोटे छोटे भागों में बाँट दिया गया है। बहुत ही …
Writer, Assistant Professor, Hindi Department, Central University of Jharkhand, Ranchi
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