प्रमेय (उपन्यास) : अध्यात्म सृजन है , विज्ञान शोध है और धर्म नियम है। लेखक : भगवंत अनमोल कहा जाता है ब्रह्मसत्यम जगतमिथ्या। साथ ही यह भी कहा जाता है कि संसार माया है। विज्ञान की भाषा में कहें तो यह मैट्रिक्स है। संसार के लिए सपना , तिलिस्म , जादू , ईश्वर की छाया , कल्पना , फिक्सन , फैंटेसी , एक क्षणिक बुलबुला , एक बड़ा गर्भ इत्यादि शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं। ये सारी कल्पनाएं , अवधारणाएँ सही भी हैं और ग़लत भी। यह तो विरोधाभास है और आखिर दो विरोधी चीज़ें एक साथ सही और ग़लत कैसे हो सकती हैं ? ऐसा इसलिए होता है कि हमारा मन जो भी सोचता …
Writer, Assistant Professor, Hindi Department, Central University of Jharkhand, Ranchi
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