दुनिया का तमाशा है, ये हसरत तो नहीं थी

 

दुनिया का तमाशा है ये हसरत तो नहीं थी

चुपचाप देखना पड़ा आदत तो नहीं थी

 

जो मिल न सका ज़िन्दगी में ख़्वाब ही तो था

जो मिल गया था, वो भी हक़ीकत तो नहीं थी

 

इस ज़हनोदिल में भर गया है शहर का धुआं

कुछ साल पहले ऐसी तबीयत तो नहीं थी

 

बीमार हुए, घर का पता याद आ गया

चल कर के देखते हैं, अदावत तो नहीं थी

 

तुम, तुम ही रहे उम्र भर मैं, मैं ही रह गया

कुछ भी था जानेजाँ ये मुहब्बत तो नहीं थी

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