हर मुश्किल का
हल बन जाये
आज नहीं तो कल
बन जाये
दिन भर की ये
दुनियादारी
आधी रात गजल
बन जाये
मैं तो भँवरा
बन जाऊँगा
बस तूँ भी
गुड़हल बन जाये
प्यार की
खुशबू हौले-हौले
महक उठे संदल
बन जाये
ख़्वाहिश एक
नन्ही बगिया है
हवस बने, जंगल
बन जाये
जितने पत्थर बरसे
मुझपर
तह कर दें तो महल बन जाए
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