फ़िजाँ का रंग गहरा हो गया है
तेरी यादों का पहरा हो गया है
हवाएँ खिलखिला कर बह रही हैं
ये मौसम भी सुनहरा हो गया है
मैं तुझको बादलों में ढूँढता हूँ
ये चाँद अब तेरा चेहरा हो गया है
ये दुनिया मुझको जादू लग रही है
मैं तेरा और तूँ मेरा हो गया है
फ़िजाँ का रंग गहरा हो गया है
तेरी यादों का पहरा हो गया है
हवाएँ खिलखिला कर बह रही हैं
ये मौसम भी सुनहरा हो गया है
मैं तुझको बादलों में ढूँढता हूँ
ये चाँद अब तेरा चेहरा हो गया है
ये दुनिया मुझको जादू लग रही है
मैं तेरा और तूँ मेरा हो गया है
Writer, Assistant Professor, Hindi Department, Central University of Jharkhand, Ranchi
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2 Comments
बहुत अच्छा है सर
ReplyDeleteवाह-वाह 👏👏बहुत सुन्दर
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