वही दुनिया को सम्हाले हुये हैं

 

वही दुनिया को सम्हाले हुए हैं

बड़ा सस्ता भरम पाले हुये हैं

 

ये बच्चे हैं, फुदकने दो इन्हे भी

ज़रा सी पी के मतवाले हुए हैं

 

जहाँ तक तख़्त की खुशबू बिछी है

वहाँ तक गोटियाँ डाले हुए है

 

हुज़ूर एक आध फ़रमाइश तो करिए

ये हर एक रंग में ढाले हुए हैं

 

हमें दुनिया की फ़ितरत मत सिखाओ

हमारे हाथ भी काले हुए हैं

 

हज़ारों बार दिल टूटा हुआ है

हज़ारों चाहने वाले हुए हैं

 

जो फ़न, जो शौक मीठी सी चुभन थे

वही अब रूह के छाले हुए हैं

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2 Comments

  1. वाह क्या बात है लाजबाब ! ❤
    इसका असली वर्जन तो और अद्भूत था 😍

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  2. बहुत खूब सर। लाजवाब....

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